वायु प्रदूषण के बढ़ता स्तर हर रोज सांस संबंधी समस्यन के कारण बनता जात बा। हवा में मौजूद पॉल्यूटेंट ऑउटडोर के अलावे इंडोर एलर्जी के भी कारण साबित होत बा। एकरे चलते जादातर लोग के बार-बार छींक आवे, जुकाम, तेज खाँसी अउरी सांस लेवे में तकलीफ संबंधी समस्यन के सामना करे के पड़े ला। ए हाल में घर के वातावरण के प्रदूषित होखे से बचावे खातिर कुछ खास बातन के ख्याल रखल बहुते जरूरी बा। जाने ला कि इंडोर एलर्जी से बचावे खातिर किन बातन के ख्याल रखल जरूरी बा।
कईसे बढ़े लागता इंडोर एलर्जी के समस्या
हवा में मौजूद एलर्जन इंडोर एलर्जी के कारण बनेला, जे फर्नीचर अउरी फर्श पर मिलेला। एकरे अलावे इंडोर प्लांट्स, पालतू जानवर, सॉफ्ट टॉयज अउरी कार्पेट से कमरा में इनकर प्रभाव बढ़ जाला। खराब एयर क्वालिटी के चलते ई एलर्जन अउरी इरिटेंट इचिंग, छींक अउरी सांस लेवे में तकलीफ के कारण बनेला। दरअसल, बढ़त उमस के चलते डस्ट माइट्स अउरी मोल्ड ग्रोथ बढ़े लागेला।
हवा में मौजूद कण अउरी गैस मौसमी एलर्जी के कारण बन जाला। इ से घुटन, रनिंग नोज अउरी आँख में बार-बार पानी के समस्या बढ़ जाला। एकरे अलावे सिरदर्द, बुखार अउरी बॉडी पेन भी बढ़ेला। घर के स्वच्छता के मेंटेन क के पॉल्यूटेंट के प्रभाव कम कइल जा सके ला। एकरे खातिर पालतू जानवरन से दूरी बनाके राखीं अउरी एयर प्यूरीफायर के इस्तेमाल करीं।
इन टिप्स के मदत से इंडोर एलर्जी के समस्या होई हल
पालतू जानवरन से दूरी बनाके राखीं
अक्सर लोग पालतू जानवरन के अपने साथ बेड अउरी सोफा पर बइठावेलन, जे से एलर्जी के संभावना बढ़ जा ला। ओ पेट्स जिनकर बाल लंबा ह, इनके जरीये एलर्जी बढ़े लागेला। जादातर लोगन के एनिमल डैंडर यानी जानवर के रूसी से एलर्जी होला। रूसी में मौजूद एलर्जेनिक प्रोटीन ई समस्या के बढ़ा देला।
इंडोर प्लांट्स के हटा दीं
मौसम में आवे वाला बदलाव से उमस के स्तर बढ़े लागेला, ए हाल में पोलन एलर्जी के समस्या भी बढ़े लागेला। इ से नाक में खुजली, छींकना अउरी स्टफी नोज के समस्या बढ़ जाला। धूल मिट्टी के कण के अलावे पोलन के प्रभाव स्वास्थ्य के नुकसान पहुँचावेला। पेड़ पौधन से राइनाइटिस एलर्जी के जोखिम बढ़ जाला। ए हाल में इंडोर गार्डन में भी घुमे से बचीं, नाहीं त चेहरा पर इचिंग के संभावना बढ़ जाला।
वैक्यूम क्लीनर के प्रयोग करीं
पर्दा, शीट्स, कवर्स, मैट्स, कार्पेट, सोफा अउरी रनर्स के सफाई खातिर हफ्ता में एक दिन वैक्यूम क्लीनर के प्रयोग करीं। इ से पॉल्यूटेंट्स के कम क के स्वच्छता मेंटेन रहेला। इ से एयर क्वालिटी के बेहतर बनावल जा सके ला। वैक्यूम क्लीनर के इस्तेमाल के बाद उ कमरा या जगह से कुछ देर खातिर दूरी बना लेवे के चाहीं। दरअसल, क्लीनिंग के बाद डस्ट पार्टिकल्स कुछ देर तक हवा में मौजूद रहेलें।
एयर प्यूरीफायर बा फायदेमंद
इंडोर एयर के प्यूरीफाई करे खातिर एयर प्यूरीफायर के इस्तेमाल करीं। इ से हवा में मौजूद बैक्टीरिया, फफूंदी अउरी प्रदूषण से राहत मिले लागेला। साथ-साथ फेफड़ा के स्वास्थ्य के भी फायदा मिलेला। बदलत मौसम में प्यूरीफायर से हवा के स्वच्छ राखे में मदत मिले ला, जिससे श्वसन संबंधी समस्यन से मुक्ति मिल जाला।
स्टीम लेवे
कुछ देर स्टीम लेवे से नेजल पैसेज ओपन हो जाला अउरी चेस्ट कंजेशन से भी बचल जा सके ला। नियमित रूप से स्टीम लेवे से कॉमन कोल्ड, खांसी अउरी इचिंग से बचल जा सके ला। एकरे अलावे हॉट शावर भी कारगर साबित होला।